दिल्ली के ऑटो रिक्शा वाले किस बात पर नाराज? सरकार से कर दी बड़ी मांग!
दिल्ली के ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालक मुख्य रूप से दो कारणों से नाराज हैं
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ऐप-आधारित कैब सेवाओं के खिलाफ विरोध: चालकों का कहना है कि ओला, उबर और रैपिडो जैसी ऐप-आधारित कंपनियाँ अवैध रूप से निजी वाहनों का उपयोग कर सवारियाँ ढो रही हैं, जिससे उनकी आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
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सीएनजी की बढ़ती कीमतें और किराए में वृद्धि की मांग: चालकों का कहना है कि सीएनजी की कीमतों में लगातार वृद्धि से उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। वे या तो सीएनजी पर सब्सिडी की मांग कर रहे हैं या किराए में वृद्धि की, ताकि वे अपने खर्चों को पूरा कर सकें।
इन मुद्दों के समाधान के लिए, विभिन्न ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने हड़तालें और विरोध प्रदर्शन किए हैं, जिससे दिल्ली-एनसीआर में परिवहन सेवाएँ प्रभावित हुई हैं।
दिल्ली के ऑटो और टैक्सी चालक सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें कर रहे हैं, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ रही है। उनकी मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:
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ऐप-आधारित कैब सेवाओं पर प्रतिबंध: चालकों का आरोप है कि ओला, उबर जैसी ऐप-आधारित कंपनियाँ निजी वाहनों का उपयोग कर अवैध रूप से सवारी ढो रही हैं, जिससे उनके रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। वे चाहते हैं कि सरकार इन सेवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए।
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सीएनजी पर सब्सिडी और किराए में वृद्धि: सीएनजी की बढ़ती कीमतों के कारण, चालक मांग कर रहे हैं कि सरकार सीएनजी पर प्रति किलोग्राम ₹35 की सब्सिडी प्रदान करे या किराए में वृद्धि करे ताकि वे अपनी आजीविका बनाए रख सकें।
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सरकारी मोबाइल ऐप का विकास: चालकों की यह भी मांग है कि सरकार एक आधिकारिक मोबाइल ऐप विकसित करे, जिससे यात्रियों और चालकों दोनों को लाभ हो और अवैध ऐप-आधारित सेवाओं पर रोक लगे।
इन मांगों को लेकर विभिन्न ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने हड़तालें और विरोध प्रदर्शन किए हैं, जिससे दिल्ली-एनसीआर में परिवहन सेवाएँ प्रभावित हुई हैं।
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